प्राचीन निकट पूर्व में इसरायलीयों का प्रकृति के प्रति व्यवहार एक खेतिहर के रूप में था या तो वह किसान है या फिर खेतिहर के रूप में था या तो वह किसान है या फिर एक बागवान। भजनकारों का प्रकृति के प्रति और भी दृष्टिकोण है जो भजनों में देखने में आता है कि परमेश्वर ने पृथ्वी को टिकाया है अपनी संपूर्णता से। अतः परमेश्वर की सर्वोच्चता, उसके सृष्टि के कार्य में प्रगट होती है वह महिमा विश्वास भय तथा आज्ञाकारिता का आधार है। तत्कालीन इसरायली संस्कृति में उपरोक्त विचार सृष्टिकर्ता हेतु प्रस्तुत थे। और इनके माध्यम से इसरायली सृष्टिकर्ता परमेश्वर की आराधना करते थे।
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